|| Shri SatyaNarayanJi Ki Aarti ||
जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
सत्यनारायण स्वामी, जन-पातक-हरणा ॥ जय लक्ष्मी... ॥
नारद करत नीराजन, घंटा वन बाजे ॥ जय लक्ष्मी... ॥
बूढ़ो ब्राह्मण बनकर, कंचन महल कियो ॥ जय लक्ष्मी... ॥
चंद्रचूड़ इक राजा, तिनकी विपति हरी ॥ जय लक्ष्मी... ॥
सो फल भोग्यो प्रभुजी, फिर स्तुति किन्हीं ॥ जय लक्ष्मी... ॥
श्रद्धा धारण किन्ही, तिनको काज सरो ॥ जय लक्ष्मी... ॥
मनवांछित फल दीन्हो, दीन दयालु हरि ॥ जय लक्ष्मी... ॥
धूप-दीप-तुलसी से, राजी सत्यदेवा ॥ जय लक्ष्मी... ॥
ऋषि-सिद्ध सुख-संपत्ति सहज रूप पावे ॥ जय लक्ष्मी... ॥
Kindly Visit www.AstroIntl.BlogSpot.Com To Read Latest Information On Astrology, Based On Latest Research And Technology.
Comments
Post a Comment