Aarti-Maa Laxmi

!! माता लक्ष्मी जी की आरती !!

\ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निसिदिन सेवत हर, विष्णु, विधाता।\ जय..
उमा, रमा, ब्राह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य, चन्द्रमा, ध्यावत, नारद ऋषि माता।\ जय..
दुर्गा रूप निरंजनि, सुख-सम्पति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता।\ जय..
तुम पाताल निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनि, भवनिधि की त्राता।\ जय..
जिस घर तुम रहती, तहँ सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहिं घबराता।\ जय..
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न हो पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता।\ जय..
शुभ-गुण-मन्दिर सुन्दर, क्षोरोदधि जाता ।
रत्‍‌न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहिं पाता।\ जय..
महालक्ष्मी जी की आरती, जो कोई नर गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता।\ जय..

Comments

Popular posts from this blog

The Secret Of Twelve Houses Of Birth Chart

Acne-Skin Clearing Solutions - [Part-1]

Study Of Astrology-Vol-9